भाई, मेरा देश मतलब
बाड़ बिना का खेत
उसके चारों तरफ घास बनकर
ऊगते हैं पक्षों के वचन
अब तो रिश्वत और सिफारिशों की
झंखाड़ फूट पड़ी है
भ्रष्टाचार की बालियों पर
सिफारिश के दाने
पक गये हैं
बिजूका चूपचाप देखा करता है
वह भी चोर बन गया है क्या ?
उस गांधी की प्रतिमा की तरह स्तब्ध
बनकर खड़ा है वह
उस पर उड़ते हैं
शोषण के पक्षी
मेरे बैल के मुँह पर
मुसीका बँधा है
अब कटाई का समय आ गया है
चल भाई चल !
मेहनतकशों को जोतकर
काट देते हैं…